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रूस-यूक्रेन युद्ध : रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कुछ समय से युद्ध जारी है, अब इस युद्ध में परमाणु हमला हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्होंने परमाणु बमों के इस्तेमाल पर कई बदलाव किए हैं. इसके तहत अगर रूस पर किसी भी मिसाइल से हमला किया गया तो वह परमाणु हमला करने से नहीं हिचकिचाएगा। उनकी ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब देश दो साल से अधिक समय से यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है।

रूस की सुरक्षा परिषद की टेलीविज़न बैठक में पुतिन ने घोषणा की कि नियोजित सुधारों के तहत, उनके देश पर किसी भी मिसाइल हमले का जवाब परमाणु बम से किया जाएगा। आपको बता दें कि हाल के दिनों में पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को कई क्रूज मिसाइलें दी गई हैं। जो रूस के अंदर लंबी दूरी तक हमला कर सकता है. इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन से इजाजत मिल गई है कि यूक्रेन रूस के अंदर हमला करने के लिए स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद रूस भड़क गया है.

पुतिन की पश्चिम को धमकी - 
जहां तक ​​स्टॉर्म शैडो क्रूज मिसाइल की बात है तो यह 500 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकती है। पहले, यूक्रेन इसका उपयोग केवल रूस के साथ सीमा तक करता था। लेकिन जैसा अमेरिका और ब्रिटेन ने आदेश दिया. ऐसी आशंका है कि वह इसका इस्तेमाल रूस के अंदरूनी हिस्सों में कर सकता है. इसी वजह से पुतिन ने परमाणु हमले की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन ने गलती से भी मिसाइल का इस्तेमाल किया तो हम समझ जाएंगे कि पश्चिम सीधे हमारे खिलाफ युद्ध के मैदान में उतर आया है.

रूस के परमाणु हथियारों का भंडार - 
रूस के पास लगभग 6,372 परमाणु हथियार हैं। इसके बाद परमाणु हमले की धमकी के बाद दुनिया में तनाव बढ़ गया है. क्योंकि रूस ने साल 2020 में अपने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल में बदलाव किया है, जिसके मुताबिक अगर उसके अस्तित्व को खतरा हुआ तो वह हमला करेगा.

यूक्रेन युद्ध के लिए परमाणु हमले की जरूरत नहीं  
दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसी महीने कहा था कि यूक्रेन के साथ युद्ध जीतने के लिए रूस को परमाणु हमले की जरूरत नहीं है. जबकि रूस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पश्चिम का सबसे घातक हमला परमाणु युद्ध में नहीं बदलेगा, रूस ने यह भी बार-बार कहा है कि यदि आवश्यक हो तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। अब रूस परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के सिद्धांत को बदलने की बात कर रहा है. माना जा रहा है कि रूस में कुछ कट्टरपंथी विचारक रूसी सरकार पर ऐसा दबाव बना रहे हैं.

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