img

सुनीता विलियम्स : नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में रहते हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है। लेकिन अब माना जा रहा है कि सुनीता विलियम्स की वापसी में काफी वक्त लग सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी पर नासा का क्या कहना है और अंतरिक्ष में उनके लिए क्या खतरे हैं।

नासा

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में फंसे हुए काफी समय हो गया है। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वतन वापसी को लेकर नासा ने कहा कि उसने स्टारलाइनर के साथ गए अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने की योजना बनाते समय सभी विकल्पों पर विचार किया है। नासा के एक अधिकारी ने कहा कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी पर वापस लाने की योजना बनाते समय सभी विकल्पों पर विचार किया गया है। उनमें से एक विकल्प के तहत, दोनों अंतरिक्ष यात्री 2025 में पृथ्वी पर लौट सकते हैं। इस योजना में बोइंग की प्रतिद्वंद्वी स्पेसएक्स भी शामिल है. कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने कहा कि नासा का मुख्य विकल्प स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के माध्यम से बुच और सुनीता को वापस लाना है। हालाँकि, हम यह सुनिश्चित करने की योजना बना रहे हैं कि हमारे पास अन्य विकल्प खुले हों।

फरवरी 2025 तक लौटेंगे

नासा ने स्पेसएक्स क्रू 9 मिशन में देरी की घोषणा की है। इसकी लॉन्चिंग 25 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है. नासा के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने दोनों यात्रियों को वापस लाने की योजना बनाई है। इसका लक्ष्य 2025 तक सुनीता विलियम्स और विल्मोर को पृथ्वी पर लाना है। उन्होंने अपना प्लान भी बताया है. अधिकारी ने कहा कि क्रू 9 में केवल 2 यात्री ही उड़ान भर पाएंगे और फिर हम फरवरी 2025 में चार क्रू सदस्यों को वापस ला पाएंगे।

उसके खतरे क्या हैं?

आपको बता दें कि जब सुनीति विलियम्स और उनके सहकर्मी लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण की अनुपस्थिति में शारीरिक तरल पदार्थ शरीर के ऊपरी हिस्से तक पहुंचने लगते हैं। इससे चेहरे पर सूजन, नाक बंद होना और पैरों में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है। इससे रक्त की मात्रा में कमी और रक्तचाप की समस्या होने की संभावना रहती है। इसके अलावा अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की तुलना में अधिक विकिरण के संपर्क में आते हैं। इनमें गैलेक्टिक कॉस्मिक किरणें और सौर कण शामिल हैं। इससे डीएनए क्षति और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अंतरिक्ष एजेंसियां ​​विकिरण के स्तर की सावधानीपूर्वक निगरानी करती हैं।

--Advertisement--