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मोबाइल नंबर पोर्टिंग अनुरोध : निजी टेलीकॉम कंपनियों Jio, Airtel और Vodafone Idea ने इस महीने की शुरुआत में यानी 3 जुलाई को रिचार्ज प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। टैरिफ प्लान की कीमतें बढ़ने के बाद लोगों ने बीएसएनएल पर भरोसा दिखाना शुरू कर दिया और पोर्टिंग की पहल शुरू हो गई।

इस बीच, बीएसएनएल के आंकड़े जारी किए गए, जिसमें दावा किया गया कि नए ग्राहक लगातार बीएसएनएल से जुड़ रहे हैं। इसके बाद एक नई रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कहा गया है कि भारतीयों ने सिम पोर्टिंग के मामले में रिकॉर्ड कायम किया है।

100 करोड़ का आंकड़ा पार 

दूरसंचार विभाग (DoT) मोबाइल उपयोगकर्ताओं को बिना नंबर बदले नेटवर्क प्रदाता बदलने की सुविधा प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आपको बता दें कि यदि आप एयरटेल सिम का उपयोग कर रहे हैं और आप अपने नेटवर्क से खुश नहीं हैं, तो आप किसी अन्य सेवा प्रदाता में बदल सकते हैं और इस पूरी प्रक्रिया को पोर्टिंग कहा जाता है।

दूरसंचार विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 6 जुलाई तक मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सेवाएं 100 करोड़ को पार कर गई हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार, भारत को हर महीने औसतन 1.1 करोड़ मोबाइल सिम पोर्ट अनुरोध प्राप्त होते हैं।

सिम कार्ड के लिए नियम बदल गए हैं

पहले, अगर किसी यूजर का सिम कार्ड खो जाता था या क्षतिग्रस्त हो जाता था, तो वह तुरंत अपना नंबर दूसरे सिम कार्ड में ट्रांसफर कर सकता था। लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक इस समस्या से जूझ रहे यूजर्स को 7 दिन तक इंतजार करना होगा। इसका उद्देश्य सिम स्वैपिंग धोखाधड़ी को रोकना और सुरक्षा को मजबूत करना है। 


अपना नंबर पोर्ट कैसे करें 

आपको अपने मोबाइल नंबर से 1900 नंबर पर एक टेक्स्ट मैसेज भेजना होगा, जिसके बाद आपको पोर्टिंग कोड प्राप्त होगा।

आपको अपने किसी भी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होगी।

नंबर पोर्टिंग का फायदा यह है कि आप मौजूदा टेलीकॉम कंपनी को बदल सकते हैं और बिना अपना नंबर बदले नई कंपनी की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।

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