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Maharashtra Assembly Elections 2024 : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले नेता राज ठाकरे ने 'ठाकरे बंधुओं' के बीच सुलह कराने की जिम्मेदारी ली है. दरअसल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता बाला नंदगांवकर ने शुक्रवार को कहा कि अगर मौका मिला तो वह ठाकरे के चचेरे भाइयों (उद्धव और राज ठाकरे) को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे।

नंदगांवकर ने मुंबई की शिवरी विधानसभा सीट से एमएनएस उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसके बाद भाइयों को एक साथ लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी ऐसा किया है और अगर मौका मिला तो भविष्य में भी ऐसा करेंगे. उन्होंने कहा कि वह मनसे के सिपाही हैं, लेकिन वह शिव सेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे के भी सिपाही हैं.

भाइयों में अनबन के बीच ठाकरे ने छोड़ी थी शिवसेना
गौरतलब है कि 1990 में जब नंदगांवकर ने छगन भुजबल को हराया था तो उन्हें 'जाइंट किलर' कहा जाने लगा था. इसी बीच छगन भुजबल अविभाजित शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. करीब 10 साल बाद राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच अनबन के बीच नंदगांवकर ने खुद ही शिवसेना को अलविदा कह दिया.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमएनएस के उम्मीदवार

राज ठाकरे की एमएनएस ने अब तक 288 सीटों में से 50 से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जनता को संबोधित करते हुए राज ठाकरे हमेशा ठाकरे परिवार के मूल्यों और विरासत को कायम रखने की बात करते हैं. ऐसे में नंदगांवकर ठाकरे परिवार में सुलह के लिए जो प्रयास कर रहे हैं, वह परिवार को मजबूत बना सकता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मनसे नेता इन कोशिशों में सफल होते हैं या नहीं? मालूम हो कि 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सभी विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. इसके बाद 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. हालांकि, उद्धव ठाकरे की शिवसेना द्वारा राज ठाकरे के बेटे के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से कई सवाल खड़े हो गए हैं.

 आपको बता दें कि इससे पहले राज ठाकरे की पार्टी ने आदित्य ठाकरे के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एमवीए में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ शरद पवार की एनसीपी (एसपी) भी शामिल है। गठबंधन का मुकाबला बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी से है।


 

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