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Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश आ गए, गणेश आ गए, इस समय लोग बप्पा के दर्शन के लिए मंदिरों और पंडालों में लंबी कतारें लगाते नजर आएंगे। हम दर्शन तो करते हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण चीज जिस पर हम ध्यान नहीं देते वह है 'परिक्रमा'।

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में एक बहुत ही खास त्योहार है। इस त्यौहार के साथ-साथ इसे 10 दिनों तक उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसके बाद बप्पा का अंतिम संस्कार किया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर से शुरू हो गई है और गणेश विसर्जन 17 सितंबर को होगा।

प्राचीन सनातन धर्म में परिक्रमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जब आप गणपति के दर्शन के लिए जाएं तो परिक्रमा करना न भूलें। लेकिन सवाल यह उठता है कि भगवान गणेश की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए। इसका उत्तर शास्त्रों में बताया गया है आइए शास्त्रों से प्रमाण देखें।

"बाह्याच परिशिष्ट" के अनुसार भगवान गणेश की प्रदक्षिणा ('परिक्रमा') करनी चाहिए - 'एक विनायके कुर्यात'

अर्थ:- भगवान विनायक की एक बार परिक्रमा करनी चाहिए।

भावार्थ:-भगवान विनायक की परिक्रमा केवल एक बार ही करनी चाहिए।

परन्तु "ग्रन्थान्तर" के अनुसार - 'तिस्त्र: कार्य विनायके।'

इस श्लोक के अनुसार तीन परिक्रमा के विकल्प का भी सम्मान किया गया है। नारदपुराण (पूर्वार्ध अध्याय संख्या 13) में भी तीन बार परिक्रमा का वर्णन है - 'तिस्त्रो विनायकस्यापि'

अर्थ:- भगवान विनायक की तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए।

देखा जाए तो तीन परिक्रमाओं पर अधिक बल दिया जाता है, क्योंकि तीन परिक्रमाओं का वर्णन अधिक मिलता है। यदि समय की कमी हो या किसी अन्य कारण से तीन परिक्रमा करना संभव न हो तो एक परिक्रमा भी की जा सकती है।

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