नशीली दवाओं की बरामदगी सौराष्ट्र : गिर सोमनाथ जिले के सूत्रपाड़ा तालुका के धामलेज समुद्र तट पर कल बड़ी मात्रा में चरस बरामद हुई है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस चरस का वजन करीब 10,600 किलोग्राम है और इसकी बाजार कीमत करीब 5 करोड़ 30 लाख रुपये आंकी गई है.
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी महीने में गुजरात एटीएस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने एक संयुक्त ऑपरेशन में 3300 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किया था. नौसेना ने कहा है कि इस ऑपरेशन में 3089 किलोग्राम हशीश, 158 किलोग्राम मेथमफेटामाइन और 25 किलोग्राम मॉर्फिन जब्त किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए एनसीबी, नेवी और गुजरात पुलिस को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. 6 फरवरी के बाद मार्च 2024 में पोरबंदर की समुद्री सीमा से पकड़े गए पाकिस्तानियों के पास से 480 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद हुई थी. अप्रैल के अंत में, आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गुजरात के तट पर एक संयुक्त अभियान में 86 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया था। इसकी बाजार कीमत करीब 602 करोड़ रुपये है. एटीएस और एनसीबी ने संयुक्त अभियान में 14 पाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया.
2023 में, गुजरात पुलिस ने कच्छ में गांधीधाम से 30 किमी दूर मीठी रोहर गांव के समुद्र तट से 80 किलोग्राम कोकीन जब्त की थी। इससे पहले 2021 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने मुंद्रा बंदरगाह से करीब 21,000 करोड़ रुपये की 3,000 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की थी. इससे पहले भी गुजरात के अलग-अलग इलाकों में ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है. सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि हाल के दिनों में गुजरात से जब्त की गई दवाएं पाकिस्तान, अफगानिस्तान या ईरान से आती हैं। नौसेना द्वारा जब्त की गई ड्रग्स की खेप की जांच में अफगानी नागरिकों के नाम भी सामने आ रहे हैं. इसको लेकर जांच करायी गयी है.
माना जा रहा है कि अफगानिस्तान में सरकार बदलने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ गई है. दरअसल, तालिबान की आय का सबसे बड़ा स्रोत किसानों और अफ़ीम उगाने वाले तस्करों से जबरन वसूली है। ड्रग्स और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अफ़ीम उत्पादन का 80 प्रतिशत अफ़ग़ानिस्तान में होता है। इससे हेरोइन समेत कई नशीले पदार्थ बनाए जाते हैं।
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