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वास्तुशास्त्र: वास्तुशास्त्र में घर से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। इसमें घर की किस दिशा का महत्व और वहां क्या होना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। इन नियमों का पालन करने और घर को वास्तु के अनुसार रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, लेकिन घर में वास्तु दोष होने से कई परेशानियां हो सकती हैं। कई बार परिवार के सदस्यों के बार-बार बीमार पड़ने का कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। अगर घर का कोई सदस्य बीमारी से पीड़ित है तो घर के वास्तु पर ध्यान देने की जरूरत है। अगर घर की उत्तर-पूर्व दिशा में वास्तु दोष हो तो घर में कोई न कोई बीमारी वास करने लगती है। आइए जानते हैं वास्तु दोष कब होता है और हम इससे कैसे बच सकते हैं।

वास्तु के नियम

घर की उत्तर-पूर्व दिशा यानी उत्तर-पूर्व कोने में पानी होना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी नहीं होना चाहिए। उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में इनवर्टर जैसे भारी बक्से रखने से बचें। अगर इन दिशाओं में कोई वास्तु दोष हो तो घर बीमारियों का घर बन सकता है।

जल से सम्बंधित नियम

दक्षिण और पश्चिम के बीच नल जैसा कोई जल स्रोत नहीं होना चाहिए। यहां वॉश बेसिन या वॉशिंग मशीन से बचना चाहिए। यहां पानी की मौजूदगी घर के मालिक के स्वास्थ्य पर असर डालती है।

चिकित्सा से सम्बंधित नियम

अगर घर में कोई बीमारी है तो दक्षिण दिशा में दवाइयां नहीं रखनी चाहिए। दवा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखनी चाहिए।
 
औषधि नियम

जब कोई बीमार पड़ता है तो डॉक्टर दवाइयाँ देते हैं लेकिन अक्सर दवाएँ फायदा नहीं करतीं। यह गलत दवा के कारण हो सकता है। औषधि सदैव उत्तर दिशा की ओर मुख करके खानी चाहिए। इन नियमों को ध्यान में रखकर घर से वास्तु दोष दूर किए जा सकते हैं और बीमारियों से बचा जा सकता है।  

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