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यूनियन बजट 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं कीं, जिनमें से एक चुनिंदा टेलीकॉम उपकरणों पर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) पर शुल्क बढ़ाना भी था। यह बढ़ोतरी 10% से 15% तक होगी। इसका असर कई मोबाइल यूजर्स पर देखने को मिलेगा.

टेलीकॉम उपकरणों की कीमत बढ़ने से मोबाइल यूजर्स पर कई तरह से असर पड़ सकता है. दरअसल, पीसीबीए पर अधिक शुल्क से दूरसंचार उपकरणों की लागत बढ़ सकती है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल सेवा प्रदाता प्रभावित हो सकते हैं और परिचालन लागत भी बढ़ जाएगी। टेलीकॉम कंपनियां शॉर्ट टर्म में टैरिफ और महंगा कर सकती हैं। इतना ही नहीं, 5G रोलआउट की रफ्तार भी धीमी हो जाएगी।

सेवा शुल्क बढ़ सकता है

इसके कारण टेलीकॉम ऑपरेटर को अधिक परिचालन लागत का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण ग्राहक को अधिक सेवा शुल्क या महंगे टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। COAI से मांग थी कि ड्यूटी को शून्य किया जाए ताकि 5G रोल आउट में तेजी लाई जा सके. बाद में अलग-अलग सेक्टर को देखते हुए ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है. हालांकि, इस वजह से इस बजट में ड्यूटी बढ़ा दी गई है .

नेटवर्क क्षेत्र प्रभावित होगा 

पीसीबीए में बढ़ोतरी से भारत में टेलीकॉम सेक्टर के नेटवर्क विस्तार में मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि इससे नेटवर्क विस्तार महंगा हो जाएगा और नेटवर्क धीमा हो जाएगा। भारत में बहुत अधिक 5G उपकरण का निर्माण नहीं किया जाता है, इसलिए 5G रोलआउट में अब देरी हो सकती है।

सेवा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है 

पीसीबीए में वृद्धि से बुनियादी ढांचे के विकास में देरी हो सकती है। ऐसी स्थिति में मोबाइल सेवा की गुणवत्ता और कवरेज भी प्रभावित हो सकती है। इसका ग्रामीण और अन्य इलाकों में खासा असर पड़ सकता है.

इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?

पीसीबीए ड्यूटी में बढ़ोतरी के चलते ऑपरेटर्स निवेश योजनाओं को कुछ समय के लिए टाल सकते हैं। लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर पड़ेगा भारी असर पीसीबीए ड्यूटी बढ़ने के बाद लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिल सकता है। हालाँकि, इसे विकसित होने में कुछ समय लगेगा। 

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